ಹಾಡಿನ ಕೊಂಡಿ:https://youtu.be/lT_oajh4ttk
ಈ ಚಂದ್ರಕಾಂತಿಯುಳ್ಳ ಮುಖವು,
ಚಿನ್ನದಂತಹ ಕೇಶವು,
ಈ ಸರೋವರ ಆಳದ ನೀಲಿ ಕಂಗಳು,
ಇದರಲ್ಲಿದೇನೋ ರಹಸ್ಯವು,
ಹೊಗಳುವುದೇಗೆ ಅವನನ್ನು,
ನಿನ್ನನ್ನು ಸೃಷ್ಟಿಸಿದವನನ್ನು,
ಹೊಗಳುವುದೇಗೆ.....
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ಒಂದು ವಸ್ತು ಅದ್ಭುತವಾದದ್ದು,
ಜನರಿಂದ ಕೇಳುತ್ತಿರುತ್ತಿದ್ದೆ ಅಂದು,
ನಿನ್ನನ್ನು ನೋಡಿದ ನಂತರ ನಾನರಿತೆ,
ಅವರು ನಿಜ ಹೇಳುತ್ತಿದ್ದರೆಂದು-2,
ನಡಿಗೆಯಲ್ಲಿ ನಿನ್ನ,
ಅಂತಹದೊಂದು ಜಾದೂ ಇದೆ,
ನೂರು ಸಲ ಹೃದಯ ನಿಯಂತ್ರಿಸಿದರೂ,
ಅದು ಮರುಳಾಗುತ್ತಿದೆ,
ಹೊಗಳುವುದೇಗೆ.....
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ಪ್ರತಿ ಬೆಳಗಿನ ಕಿರಣದ ಕೆಂಪು,
ವರ್ಣ ನಿನ್ನ ಕೆನ್ನೆಯ,
ಪ್ರತಿ ಸಂಜೆಯ ಇರುಳು,
ನೆರಳು ನಿನ್ನ ಕೇಶರಾಶಿಯ-2,
ನೀನು ತರಂಗುವ ನದಿಯೊಂದು,
ಪ್ರತಿ ಅಲೆಯಂತೆ ನಿನ್ನ ಮೈಯ ಲಯವು,
ಈ ಅಲೆಯಲ್ಲಿ ಮುಳುಗಿದವನು,
ಗೆಲ್ಲುವನು ಈ ಲೋಕವೂ,
ಹೊಗಳುವುದೇಗೆ....
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ನಾನು ಹುಡುಕಾಟದಲಿ ಗಮ್ಯದ,
ಆದರೆ ಗಮ್ಯ ನನ್ನ ಬಳಿಯಲ್ಲಿ,
ಮುಖದಿಂದ ತೆಗೆ ಸೆರಗನ್ನು,
ದೂರ ಹೋಗಲಿ ಈ ಕತ್ತಲೆ-2,
ಒಪ್ಪುವೆ ನಿನ್ನ ಪ್ರೇಮದಾಟ,
ಮಾಡುತ್ತಿದೆ ಮರುಳು ನನ್ನನ್ನು,
ಮನತುಂಬಿ ನಾನು ನೋಡುವೆ,
ನಿನ್ನ ಶೈಲಿಯ ಮೋಜನ್ನು,
ಹೊಗಳುವುದೇಗೆ....
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ಅನುವಾದ-ಹರೀಶ್ ಶೆಟ್ಟಿ, ಶಿರ್ವ
ಹಾಡಿದವರು-ಮುಹಮ್ಮದ್ ರಫಿ
ಮೂಲ: ಎಸ್ ಎಚ್ ಬಿಹಾರಿ
ಸಂಗೀತ : ಓ ಪಿ ನಯ್ಯರ್
ಚಿತ್ರ: ಕಾಶ್ಮೀರ ಕಿ ಕಲಿ
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ये चांद सा रोशन चेहरा
ज़ुल्फ़ों का रंग सुनहरा
ये झील सी नीली आँखे कोई
राज हैं इन में गहरा
तारीफ़ करूँ क्या उस की
जिस ने तुम्हें बनाया
ये चांद सा रोशन चेहरा
ज़ुल्फ़ों का रंग सुनहरा
ये झील सी नीली आँखे कोई
राज हैं इन में गहरा
तारीफ़ करूँ क्या उस की
जिस ने तुम्हें बनाया
एक चीज क़यामत भी है
लोगों से सुना करते थे
तुम्हे देख के मैंने मन
वो ठीक कहा करते थे
वो ठीक कहा करते थे
है चाल में तेरी जालिम
कुछ ाएसि बला का जादू
सौ बार संभाला दिल को
पर हो के रहा बेकाबू
तारीफ़ करूँ क्या उस की
जिस ने तुम्हें बनाया
ये चांद सा रोशन चेहरा
ज़ुल्फ़ों का रंग सुनहरा
ये झील सी नीली आँखे कोई
राज हैं इन में गहरा
तारीफ़ करूँ क्या उस की
जिस ने तुम्हें बनाया
हर सुबह किरण की लायी
हैं रंग तेरे गालों का
हर शाम की चादर काली
सया हैं तेरे बालों का
हर सुबह किरण की लायी
हैं रंग तेरे गालों का
हर शाम की चादर काली
सया हैं तेरे बालों का
सया हैं तेरे बालों का
तू बलखाती एक नदियाँ
हर मौज तेरी अंगड़ाई
जो इन मौजो में डूबा
उस ने ही दुनिया पायी
तारीफ़ करूँ क्या उस की
जिस ने तुम्हें बनाया
ये चांद सा रोशन चेहरा
ज़ुल्फ़ों का रंग सुनहरा
ये झील सी नीली आँखे कोई
राज हैं इन में गहरा
तारीफ़ करूँ क्या उस की
जिस ने तुम्हें बनाया
मैं खोज में हूँ मंज़िल की
और मंज़िल पास है मेरी
मुखड़े से हटा दो आंचल
हो जाये दूर अँधेरे
हो जाये दूर अँधेरे
मन के ये जलवे तेरे
कर देंगे मुझे दीवाना
जी भर के ज़रा में देखूं
अंदाज़ तेरा मस्ताना
तारीफ़ करूँ क्या उसकी
जिसने तुम्हे बनाया
यह चांद सा रोशन चेहरा
ज़ुल्फ़ों का रंग सुनहरा
यह झील सी नीली ऑंखें
कोई राज़ है इनमे गहरा
तारीफ़ करूँ क्या उसकी
जिसने तुम्हे बनाया
तारीफ़ करूँ क्या उसकी
जिसने तुम्हे बनाया
तारीफ़ करूँ क्या उसकी
जिसने तुम्हे बनाया
तारीफ़ करूँ क्या उसकी
जिसने तुम्हे बनाया.
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