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वक़्त लगता है ज़ख्म भरने में,
आप तो चोट पहुंचाकर चल दिए उस पार,
दरार तो पड़ ही गयी बीच दीवार,
अब तो दूर दूर रहना ही है बेहतर, तुम खुश रहो उस पार,
हम खुश रहेंगे इस पार|
हरीश शेट्टी, शीर्वा
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