मिला करो यारों,
बात कर लिया करो,
पता नहीं ज़िन्दगी का कौनसा मोड़ आखरी हो,
हम याद करे उनको और वो न हो,
दूरी तो रहेगी,
पर दिल से दिल जुड़ा रहे,
हर पल हर दिन अपनों का याद रहे,
पता नहीं ज़िन्दगी का कौनसा लम्हा आखरी हो,
हम याद करे उनको और वो न हो,
दिल करे तो बात कर लिया करो,
मन करे तो मिल लिया करो,
पता नहीं कल हो न हो,
कहीं ऐसा न हो वो सिर्फ तुम्हारे याद में ही रह जाए,
मिला करो यारों,
बात कर लिया करो,
by हरीश शेट्टी, शिर्वा
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