Friday, February 17, 2023

दर्द

 

दर्द मिटता नहीं है इतनी जल्दी,

वक़्त लगता है ज़ख्म भरने में,

आप तो चोट पहुंचाकर चल दिए उस पार,

दरार तो पड़ ही गयी बीच दीवार,

अब तो दूर दूर रहना ही है बेहतर, तुम खुश रहो उस पार,

हम खुश रहेंगे इस पार|


हरीश शेट्टी, शीर्वा


Monday, February 13, 2023

माँ की रोटियाँ


खाये है बहुत से पाक पकवान हमने,

पर फीका लगता है स्वाद बचपन में खायी माँ के रोटियों के सामने,

क्या स्वाद था माँ के रोटियों में,

प्यार घुला होता था उसमे,


पहले अपने प्यारे प्यारे कोमल हाथों से आटा गूंधना,

उसके बाद गोल गोल बेलना,

और अंगीठी के सामने बैठकर उसे सेकना,

अजीब सी कलाकारी थी माँ के हाथों में,


नए नए तरीके थे माँ के पास रोटी खिलाने के,

कभी खिलाती थी शक्कर के साथ,

कभी गुड़ के साथ,

और कभी दूध में मिलाकर,


कभी कभी अधजली रोटी भी खिलाती थी,

पर स्वाद उसकी भी अनोखी होती थी,

शायद माँ उस वक़्त कुछ उदास बीमार सी रहती थी,

उस पर अंगीठी की आग और ताप बढ़ाती थी,

पर माँ उस हालत में भी रोटियां सेकती थी,


कहीं बार माँ को रोते हुए रोटी सेकते हुए भी देखता था,

पूछो तो टाल देती थी और अपना दर्द दबाती थी,

कहती थी बैठी हूँ अँगीठी की सामने,

इसलिए आँख से बह रहा है पानी,


उस दिन मिलता था स्वादिष्ट नमकीन रोटियां खाने में,

शायद माँ के आँसू मिले होते थे उसमे,

आती है नितदिन माँ की बहुत  याद,

कैसे भूले भला त्याग की मूरत माँ के रोटियों का स्वाद|


by हरीश शेट्टी, शिर्वा

Friday, February 10, 2023

मेरे दिल को बच्चा ही रहने दो

 



मुझे बच्चा ही रहने दो,

मेरे दिल को बच्चा ही रहने दो,

नहीं समझ में आती है मुझे ये दुनियादारी,

ये द्वेष, लालच, नफरत, धन दौलत की खुमारी,

मुझे इन सब पचड़ों से दूर रहने दो,

मेरे दिल को बच्चा.....


सह नहीं पायेगा ये मेरा नादान दिल आप सबकी ये उपेक्षा,

हँसते रहना, मस्ती करने की है केवल इसकी आशा,

मुझे इस दोगलेपन से दूर रहने दो,

मेरे दिल को बच्चा.....

 

ये दिल तो है केवल प्यार का भूखा,

चाहत है तो सिर्फ खिलखिलाते रहने, नाचने गाने का,

मुझे बस खुल के जीने दो,

मेरे दिल को...


by हरीश शेट्टी, शिरवा

ಚಂದ್ರಯಾನ

  ವಿಶ್ವದಲಿ ಏರಲಿದೆ ಇಂದು ಭಾರತದ ಮಾನ, ಚಂದ್ರನ ಮೇಲೆ ಇಳಿಯಲಿದೆ ಇಂದು ನಮ್ಮ ಚಂದ್ರಯಾನ, ನಮ್ಮ ವೈಜ್ಞಾನಿಕರ ಪರಿಶ್ರಮಕ್ಕೆ ಸಿಗುವುದು ಇಂದು ಉತ್ತಮ ಸ್ಥಾನ,  ಚಂದ್ರನ ಮೇ...