ज़िन्दगी गुजारने के लिए,
थोड़ा पागलपन ज़रूरी हैl
आपस में खुशियाँ बाटने के लिए,
थोड़ी मस्ती ज़रूरी हैl
पास हो या दूर,
अपनापन जताना जरूरी हैl
माना ये ज़िंदगी की डगर आसान नहीं,
मिलकर साथ चले तो रास्ते मुश्किल नहींl
बड़ी बड़ी बातों को छोड़ो,
आपस की छोटी छोटी बातें समझना जरूरी हैl
बहुत मिलेंगे संगी साथी इस सफर में,
हर एक के दिल में अपनी एक खुशनुमा छाप छोड़ना ज़रूरी हैl
थोड़ा मजाक, थोड़ी मस्ती, थोड़ा पागलपन, साथ में थोड़ा भरोसा और सम्मान,
हर एक में इस मिश्रण का होना ज़रूरी हैl
रोज़ रोज़ आपस में बात हो न हो,
एक दुसरे को याद करना ज़रूरी हैl
पास नहीं दूर ही सही,
दिल में प्यार का दीपक जलते रहना ज़रूरी हैl
by हरीश शेट्टी, शिरवा
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